Saturday 28 September 2013

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क्षमा करो अपराध शरण
माँ आया हु ,माता वैष्णो द्वार में शीश
जुकाया हु... तेरी ममता मिली है मुझको तेरा प्यार
मिला है .........
तेरे आंचल की छाया में मन का फूल
खिला है........ जय माता दी जय माता दी जय
माता दी

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