Thursday, 12 September 2013

कृष्ण की प्राप्ति के लिये सारा ही जगत प्रयत्नशील है। ये वही कृष्ण हैं जिनकी पूजा ब्रह्मा जी दिन रात करते हैं। सदाशिव जिनका सदा ही ध्यान धरे रहते हैं। यही विष्णु के अवतार कृष्ण जिनके लिये मूर्ख राजा और रंक तपस्या करके सर्दी सहकर भी तपस्या करते हैं। यही आनंद के भण्डार कृष्ण ब्रज के प्राणों के प्राण हैं। जिनके दर्शनों की अभिलाषाएं लाख-लाख बढती हैं। जो पृथ्वी पर रहने वालों का अहंकार मिटाने वाले हैं। वही कमल नयन कृष्ण आज देखो यशोदा माँ के सामने बची खुची मलाई लेने के लिये मचले खडे हैं।

No comments:

Post a Comment