Monday 30 September 2013

DEVI KAVACH… देवी कवच


DEVI KAVACH… Part – 1
बाला सुंदरी माता महामाई को हमारा नमस्कार है
चण्डिका देवी को नमस्कार है
Maarkandeye जी ने कहा ---पितामह ! जो इस संसार में परम गोपनीय तथा मनुष्य की सब प्रकार से रक्षा करने वाला है और जो अब तक आपने दुसरे किसी के सामने प्रकट नहीं किया हो , ऐसा कोई साधन मुझे बताइये II १ II
ब्रह्मा जी बोले ---ब्रह्मन ! ऐसा साधन तो एक देवी कवच ही है, जो गोपनीय से परम गोपनीय, पवित्र तथा सम्पूर्ण प्राणियों का उपकार करने वाला है. महामुने ! उसे श्रवण करो II 2II
देवी की नौ मूर्तियाँ हैं जिन्हें नव दुर्गा कहते हैं. उनके पृथक -पृथक नाम बतलाये जाते हैं. प्रथम नाम शैलपुत्री है. दूसरी मूर्ती का नाम ब्रह्मचारिणी है. तीसरा स्वरुप चन्द्रघण्टा के नाम से प्रसिद्द है. चौथी मूर्ती को कूष्मांडा कहते हैं. पांचवीं दुर्गा का नाम स्कंदमाता है. देवी की छठे रूप को कात्यानी कहते हैं. सातवाँ कालरात्रि और आठवाँ स्वरुप के नाम से प्रसिद्द है. नवीं दुर्गा का नाम ' सिद्धदात्री' है . ये सब नाम सर्वज्ञ महात्मा वेद भगवान के द्वारा ही प्रतिपादित हुए हैं II ३--५ II

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